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गुजरात के सिक न्यू बोर्न यूनिट में 15 हजार बच्चे मरे, इस्तीफा दे सरकार – गोहिल

आकाश श्रीवास्तव

थर्ड आई वर्ल्ड न्यूज़

नई दिल्ली, ४ मार्च २०२०

कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए आज गुजरात सरकार के क्रिया कलाप पर बड़ा सवाल किया है। गोहिल ने कहा कि गुजरात में विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों ने कुछ जानकारी के आधार पर जब सवाल किया और हकीकत सामने आई। गोहिल ने कहा कि देश चौंक उठेगा कि गुजरात में सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट सरकारी अस्पतालों में है, जहाँ पर तुरंत जन्मे हुए बच्चों की जहां उनको ट्रीट किया जाता है और इतनी लापरवाही बताई गई कि कोई खैर नहीं ली गई और सिर्फ दो साल में जो विधानसभा में आंकड़ा दिया गया, 15,000 से ज्यादा बच्चे गुजरात में सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट में मरे।


गोहिल ने कहा कि हर रोज सिर्फ सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट में 20 से ज्यादा बच्चे दम तोड़ते हैं। हमने खुद वहाँ पर कुछ एक्सपर्टस से बात की तो बड़ी बात ये सामने आई कि इस सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट के लिए कुछ गाइडलाइन बनी हुई है, हेल्थ पैरामीटर के हिसाब से इस पर एक सर्कुलर भी लगा हुआ है कि एक बेबी जहाँ है, उसके 3 मीटर के फासले के बाद ही दूसरे बेबी को रखना चाहिए, ताकि एक – दूसरे का इंफेक्शन एक-दूसरे को ना लगे। गोहिल ने कहा कि हमने वहाँ पर पाया, कुछ फोटोग्राफ भी निकाले, एक बच्चे की बगल में दूसरा बच्चा लगा दिया जाता है जैसे कि उसकी जान की कोई परवाह ही ना हो। तो उसी वजह से अगर एक बच्चे को इंफेक्शन है उसी वजह से बहुत सारे बच्चों को इंफेक्शन लग जाता है और सिर्फ 2 साल में 15,000 से ज्यादा बच्चे मरे।

उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी दुख की बात तो ये है कि स्टंट करने के लिए प्रधानमंत्री भावुक हो जाते हैं। ये देश के प्रधानमंत्री हैं, किसी पार्टी के प्रधानमंत्री नहीं हैं, वो स्टेट्समैन होने चाहिएं, स्टंटमैन नहीं। अगर जहाँ से पहली बार चुनाव जीत कर गए, वो कांस्टिट्यूंसी रही प्रधानमंत्री जी की, पार्लियामेंट में भी, विधानसभा में भी वहीं से रहे, उसी अहमदाबाद, जहाँ से गृहमंत्री अमित शाह जी की कांस्टिट्यूंसी लगती है, उसी अहमदाबाद में 4,322 बच्चे ऑलमोस्ट जो सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट में एडमिट हुए थे, उसके 50 प्रतिशत बच्चे, आप कहीं का भी आंकड़ा निकाल लेंगे तो सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट में पहुंचने के बाद अगर 50 प्रतिशत बच्चे दम तोड़ देते हैं, तो ऐसा नहीं होता है। पर ना प्रधानमंत्री जी भावुक होते हैं इन बच्चों के लिए, ना गृहमंत्री की आंख में आंसू या दर्द दिखाई देता है। तो पूरे देश में हम ये बात बताना चाहते हैं कि किस तरह से वहाँ चल रहा है।


दूसरा सबसे ज्यादा मृत्यु, जहाँ की मुख्यमंत्री राजकोट शहर से आती हैं, वो राजकोट शहर, जहाँ पहली बार 2001 में मुख्यमंत्री बनने के बाद हाउस के मैंबर आज के प्रधानमंत्री नहीं थे, वो सीट वजुभाई वाला से खाली करवा कर जहाँ से चुनाव जीते थे, पहली बार किसी हाउस के मैंबर बने थे, वो कांस्टिट्यूंसी राजकोट में अहमदाबाद के बाद सबसे ज्यादा बच्चों की मृत्यु हुई है। गोहिल ने कहा कि इन सारे मुद्दों को देखते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।



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