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दिल्ली, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र

मज़दूर संघ और आरएसएस की आड़ में फर्जी प्रमाण पत्र पर बन गया संग़ठन, RSS और BMS मौन क्यों?

योगेश भारद्वाज

नई दिल्ली, 19 जुलाई 2021

कहा जाता था दिल्ली जा रहे हो ठगों से बच के रहना लेकिन यह बात आज दिल्ली के ठगों पर बिलकुल सटीक बैठती है। दिल्ली में एक ऐसे ही रैकेट का फंडाफोड़ कुछ पत्रकारों ने कर दिया है। शिकायत्कर्तायो के अनुसार यहाँ आम लोग तो क्या इन्होंने पत्रकारों से लेकर कई राज्यो की सरकारों सहित कई अधिकारियो को अपने फर्जीबाड़े के झांसे में लेकर ठग लिया है। दिल्ली के इन ठगों का रैकेट इतना बेख़ौफ़ है। कि इस फर्जीबाड़े की शिकायत के बाद हुई FIR और कोर्ट केस के बाद भी सीज हुए खातों के साथ बैंक के मैनेजरों के साथ सेटिंग कर खातों का फर्जी संचालन भी कर रहे हैं। जबकि इस फर्जीबाड़े में जमकर भारतीय मजदूर संघ से लेकर RSS के नाम पर यह लोग जमकर गोरखधंधा चला रहे हैं। 

फर्जीबाड़े में दिल्ली के श्रम विभाग के कई अधिकारी शामिल....यह बहुत ही चिंता की बात है कि सदी के इस सबसे बड़े फर्जीवाड़े में श्रम विभाग के कई अधिकारी शामिल है। इसका जिक्र कोर्ट और मीडिया को दिए गए ज्ञापन में किया गया है।

ऐसा कोई सगा नहीं जिनको इन्होंने ठगा नहीं...

सदी के इस सबसे बड़े फर्जीवाड़े में जमकर भारतीय मजदूर संघ और RSS के नाम को भुनाया जा रहा है। साथ ही भारत सरकार के कई PSU सहित कई अधिकारियो को चमका कर स्पांसरशिप के नाम पर जमकर सरकारी फंड लूटा जा रहा है। यही नहीं ये इतने बेख़ौफ़ है कि देश के कई राज्यो के सूचना विभाग में अपने लोगो को प्रेस एडवाइजर कमेटी का सदस्य बनाने का झांसा देकर कई राज्यो की सरकार और अधिकारियों के साथ अवैध रूप से पत्राचार कर रहे हैं। जिसमे यह BMS और RSS के नाम का सहारा लेते है।

दिल्ली के तत्कालीन श्रम मंत्री गोपाल राय के आदेश के बाद भी अभी तक श्रम विभाग ने नहीं की कार्यवाही..
महत्वपूर्ण और चिंताजनक बात तो यह है कि इस प्रकरण पर दिल्ली के तत्कालीन श्रम मंत्री गोपाल राय को भी इस फर्जी संग़ठन के लाइसेंस पर शिकायती पत्र दिया गया लेकिन शिकायत्कर्तायो का कहना है । कि मंत्री के दिए गए आदेशों को भी श्रम विभाग ने हवा में उड़ा दिया और ठगों से सेंटिग कर ली।

पहले कोषाध्यक्ष के बाद क्यों बनाया दूसरा कोषाध्यक्ष??
फर्जीवाड़े में एक और फर्जीवाड़ा यह हुआ की इस wji संग़ठन ने अपने पहले कोषाध्यक्ष का इस्तीफा मिलने के बाद उसे बिना जबाब दिए है दूसरा कोषाध्यक्ष बना दिया। और वो कोषाध्यक्ष किस बैंक खाते से इस संस्था का पैसा ले रहा है।जबकि इस संस्था के पहले खातों पर की गयी कार्यवाही का क्या हुआ। शिकायत्कर्तायो के अनुसार जब बैंक खाते सीज है।तो फिर यह उगाही किस खाते के जरिये हो रही है। इन्ही सब सवालों को लेकर शिकायत्कर्त्यो ने FIR और कोर्ट केस का हवाला देते हुए मीडिया को अपना पक्ष पेश किया है।

पीड़ित फाउंडर  सदस्यों     ने   दोषी  अधिकारिओ   को  चेतावनी  दी   है   की  25 दिनों  के   अंदर अवैध रजिस्ट्रशन         तुरंत रद्द  करके    सदश्यो  और   सरकार   से   लूटी   गई  अकूत   राशि  तुरंत  वापस  दिलाई   जाय    अन्यथा  सुप्रीम कोर्ट ऑफ़  इंडिया मे  जनहित याचिका  दर्ज   सहित   राष्ट्रव्यापी  आमरण अनशन  सुनिश्चित होगी ।    फाउंडर  सदस्यों     ने अपने मौलिक अधिकार, ट्रेड यूनियन एक्ट - 1926 के तहत विगत ४  वर्षो   की तमाम आपराधिक काळा   कारनामो  पर  एक्शन  टेकेन   रिपोर्ट    की   मांग   की   है 

 यह  जग जाहिर  है  की  उप रजिस्टर  सह  श्रमायुक्त ,सेंट्रल   दिल्ली, पूषा, ने विगत   तीन वर्ष   पूर्ब  ही  दर्ज  अपने ही कोर्ट   रिकॉर्ड  में मौजूद   सारे  साक्ष्यों को देखते हुवे   प्रथम  दृष्टि  कहा था की :- “ यह  तो पूर्णतया  फर्जी  सूचनाएं फर्जी डॉक्युमेंट्स  के  आधार  पे  ही  अबैध  रजिस्ट्रशन  हुवा  है” । पूर्ब श्रमायुक्त ने  खुद  कोर्ट  में  कई  बार कहा की  “ ट्रेड यूनियन एक्ट : 1926”  ऒर “वर्किंग   जर्नलिस्ट   एक्ट”   का धज्जी  उड़आई उल्लंघन  किया गया  है । 

इतना ही नहीं  दिल्ली   हाई  कोर्ट , ३०  हज़ारी  कोर्ट , उप   राज्यपाल , मुख्य मंत्री एवं श्रम मंत्री , श्रमायुक्त , निगरानी  आयुक्त  दिल्ली सरकार  सहित  चार चार   थानों  के   ऑफिस   में   बखूबी   मौजूद   सारे  ,संयुक्त   श्रमायुक्त, के  ही  सर्टिफाइड प्रमाण  की  कॉपी, हज़ारो   त्राहिमाम ज्ञापन , सुचना  के  अधिकारों के  सारे   साक्ष्य  भी    मौजूद  है ।

सेंट्रल   दिल्ली, पूषा, के  संयुक्त   श्रमायुक्त, जी का  आपराधिक आतंक इतना जायदा  है की  उनके ही संचिकाओं  में  बखूबी मौजूद  सारे  सर्टिफाइड  साक्ष्यों  रहने के बावजूद भी    बे हर बार  बार  पीड़ित  आवेदकों को अपने कुकर्मो का   कपट पूर्ण   प्रमाण   मांगते है ।   पीड़ित  आवेदकों को  हर बार बार  अपने  ऑफिस  में ही जबरन  हाज़िर होने के बहाने पीड़ित     आवेदकों को आर्थिक, मानशिक, शारीरिक,  सामाजिक  और   अमानवीय  रूप से खूब प्रताड़ित  किया जा  रहा है ।  

मुख्य मंत्री एवं श्रम मंत्री को  भी   हमेशा  झूठा   बयान   देने संयुक्त   श्रमायुक्त, जी ने  अपने ही  माननीय  श्रम : मंत्री श्री गोपाल राय जी के विगत   तीन  वर्ष  पूर्व लिखे अबैध  रजिस्ट्रशन की   जाँच   आदेश के पत्र  पत्रांक  { Refr:- 222/A 2214 – Dt:- 17-10-2017 , u.o.no,Min GAD-3932   TO  Lab Commissionor  GNCT} . का   कोई  जवाब आज की   तिथि तक पीड़ित कों कभी  नहीं   दिया   है।                                                                                                                                          जग  जाहिर   है की इस  संयुक्त   श्रमायुक्त,   उपरोक्त  तमाम    आपराधिक काळा  कांडो   उच्चाधिकारिओ को भी हर बार बार झूठ झांसे में डाल कर  अपने अवैध रजिस्ट्रशन  पापो को पूर्णतः   दफनाना का साजिश   रचा  है ।   
            तमाम पीड़ित फाउंडर  सदस्यों     ने  भारत के   लोकपाल,  , एवं   दिल्ली   हाई  कोर्ट  को  समर्पित  त्राहिमाम    ज्ञापन   में  उनके   अवैध रजिस्ट्रशन   एवं   आपराधिक कांडो  का  प्रमाणित   साक्ष्य  प्रस्तुत  कर  निम्नलिखित  प्रमाणित संयुक्त   श्रमायुक्त सह रजिस्टर  , सेंट्रल   दिल्ली से    जुड़े कांडो  की  न्यायिक   जाँच  करने की    मांग की है ।                                  

 1} वर्किंग  जर्नलिस्ट ऑफ़  इंडिया  { डब्लू    जे   आई }  कार्यकारिणी गठन की चुनौती श्रम रजिस्ट्रेशन में समर्पित सारे  सदस्यों सहित अन्य सदस्यों ने प्रमाण/स्पष्टीकरण मांगा हैः  { डब्लू जे आई }  गठन हेतु आयोजित बैठक में हमें   कभी भी  वैधानिक रूप से आमंत्रित ही नहीं दिया गया था  ।   जब कि स्थापना की गठन के बैठक मे कई “ 90 फाउंडर सदस्यों”  की उपस्थिति भी नहीं थी वहां फाउंडर  सदस्यों के सर्वानुमति के बिना वर्तमान { डब्लू    जे   आई } कमिटि, निम्नावली, बायलाज  निर्माण क्यों और कैसे हो गया ? एक्शन  टेकेन   रिपोर्ट  समर्पित करें ।
           2}  संवैधानिक प्रक्रिया पुरे किए बिना ही { डब्लू जे आई } सारे  फाउंडर  सदस्यों की हस्ताक्षरयुक्त प्रस्ताव श्रम डी॰एल॰सी॰ कार्यालय रजिस्ट्रेशन में क्यों, किसने कैसे, समर्पित हुआ? बिना सारे फाउंडर  सदस्यों  की जानकारी के बिना ही { डब्लू जे आई } का कार्यकारिणी का गठन क्यों और कैसे हो गया ? एक्शन  टेकेन   रिपोर्ट   समर्पित करें }   
          4 } सर्वविदित है कि चार  वर्ष में { डब्लू जे आई } की सम्पन्न हुई  बैठक में पारित प्रस्तावों की जानकारी, सम्पन्न हुए कार्यक्रमों का आमंत्रण की वैधानिक सूचना सारे  फाउंडर  सदस्यों के  / आम सदस्यों को आज तक क्यों नहीं दी गई है? एक्शन  टेकेन   रिपोर्ट  समर्पित करें ।
          5}  सारे  फाउंडर  सदस्यों / आम सदस्यों ने अपील की है कि  श्रमायुक्त  के  सर्टिफाइड  कॉपी  , महासचिव के द्वारा संचालित उपरोक्त प्रमाणित अपराध के विरूद्ध एक्शन  टेकेन   रिपोर्ट        न्यायिक कार्यवाई की चार  वर्ष में { डब्लू जे आई }   की सारे  डेट  वाइज , स्थान,   सुचना  आमंत्रणों की  प्रमाण , सारे   प्रस्ताव,  प्रोसीडिंग्स ,  ऑडिट,  वार्षिक ,आई टी  रिपोर्ट  सारे  फाउंडर  सदस्यों , आम सदस्यां  को सुनिश्चित  की  जाए।   
         {6} { डब्लू    जे   आई } की महासचिव द्वारा   चार    वर्ष में संचालित हो रही अवैध पोर्टल/ वेबसाइट / फेसबुक वाट्सअप ग्रुप में का आईटी एक्ट के तहत एमओयू एग्रीमेन्ट सहित स्टेटस, रजिस्ट्रेशन की लीगल स्टेटस को सत्यापित/प्रमाणित करें। एक्शन  टेकेन रिपोर्ट  समर्पित करें ।
          {7}   विगत चार   वर्ष में { डब्लू    जे   आई } में वर्तमान राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों का वर्किंग जर्नलिस्ट ऐक्ट, ट्रेड यूनियन एक्ट 1926 के अनुरूप उनकी वैधानिक सदस्यता का लीगल स्टेटस एवं उनकी भौतिक जांच रिपोर्ट के उपरान्त सत्यापित एवं प्रमाण सारे  फाउंडर  सदस्यों , आम सदस्यां  को   एक्शन  टेकेन   रिपोर्ट   न्यायिक कार्यवाई सार्वजनिक करें। 
   {8}   स्थापना काल चार    वर्ष से वर्तमान तिथि तक  की सम्पन्न बैठकों के वैधानिक सूचना पत्र, फोटो प्रकाशित न्यूज सभी सदस्यों के बयान, मेल, डाक, टेलीफोन काल, वीडियो रिकार्डिंग, गवाह, पर्यवेक्षक का विस्तृत नाम पता सभी सदस्यां को समर्पित करे ।
              {9}  { डब्लू    जे   आई } संविधान निम्नावली, बायलाज के अनुसार सम्पन्न हुए एक्जीक्युटिव में चार  वर्ष में महासचिव नरेन्द्र भंडारी /कोषाध्यक्ष के द्वारा की जा रही अनैतिक असंवैधानिक {डी   जे   यू  }  { न   यू    जे}  सदस्यों की सदस्यता  रद्द क्यों नहीं हुई है? सर्वविदित है कि चार  वर्ष में  दोनों सदस्य वर्तमान में डी॰जे॰ए॰/एन॰यू॰जे॰आई॰ के स्थायी सदस्य, उनके चुनाव में भाग भी ले रहे हैं। यह { डब्लू    जे   आई } संवैधान का घोर उल्लंघन है।  उनके विरूद्ध की गई न्यायिक कार्यवाइ एक्शन  टेकेन   रिपोर्ट  समर्पित करें ।
            10}  डब्लू    जे   आई   से जुड़े शिकायत ज्ञापन के प्रश्नों पर डब्लू    जे   आई  रजिस्ट्रेशन में उपाध्यक्ष विजय तोंगा की फर्जी हस्ताक्षर पर उपश्रमायुक्त, महासचिव, अध्यक्ष का स्पष्टीकरण शपथ पत्र पर अब तक सभी सदस्यों को अब तक क्यों नहीं प्रस्तुत किया गया ?जबकि सर्वविदित है कि माननीय उपराज्यपाल, माननीय श्रममंत्री गोपाल राय, माननीय मुख्यमंत्री दिल्ली सरकार द्वारा प्रेषित पत्र से स्पष्ट है कि डब्लू    जे   आई  के तथाकथित उपाध्यक्ष के फर्जी हस्ताक्षर कांड की विजिलेंस जांच हेतु अनुमोदित की गई है तो बिना जांच प्रक्रिया पूरे किये बिना ही संवैधानिक प्रमाण से छेड़छाड़ करने का अपराधिक प्रयास क्यों किया जा रहा है? 



            श्रम मंत्री के पत्र को डब्लू    जे   आई  की बैठक में तीन वर्ष में आखिर क्यों नहीं रखी गई? अगर तथाकथित हस्ताक्षर सही है तो बिना डब्लू    जे   आई के कार्यकारिणी बैठक में सर्वानुमति के बिना पारित प्रस्ताव के बिना उपायुक्त कार्यालय में कार्यकारिणी के सदस्यों को पुनः जबरन हस्ताक्षर करने हेतु बाध्य क्यों किया गया है? एक्शन  टेकेन   रिपोर्ट   समर्पित करें ।
             {11}  ध्यान रहे कि रजिस्टार ट्रेड यूनियन दिल्ली सरकार श्री संजय सक्सेना जी ने स्पष्ट हिदायत दी थी कि श्रम कोर्ट में प्रत्येक पत्र समर्पित करने के पहले डब्लू    जे   आई  की कार्यकारिणी से सर्वसम्मत रूप से पारित कर संवैधानिक अनिवार्यता है। 
           {12} डब्लू    जे   आई   प्रोशिडिंग बुक मं   भण्डारी जी द्वारा आपराधिक साजिश के तहत तमाम खाली पेज छोड़ कर तीन-4 पेजों में सदस्यों को गुमराह कर जबरन हस्ताक्षर बिना कोई बैठक बिना कोई प्रस्ताव बिना कोई प्रोशिडिंग की कार्यवाही के बिना अपराधिक अंजाम दिया गया है। श्रमायुक्त/डी0एल0सी0 महोदय कृपया मूल प्रोशिडिंग बुक  डब्लू    जे   आई      के सभी डाक्यूमेन्ट के भौतिक जांच रिपोर्ट का अवलोकन कर सहित सभी का अवलोकन एवं जांच कर उनके विरूद्ध की गई न्यायिक कार्यवाइ समर्पित करें।     
          {13}       स्थापना काल से आज की तिथि तक 4 वर्ष बीतने के बावजूद भण्डारी जी  के घर पर रखे डब्लू    जे   आई   के तमाम वैधानिक पेपर जबरन रखा गया है जिसके विरूद्ध आपराधिक मुकदमा सदस्यां द्वारा दर्ज की गई है। सर्वविदित है कि कई सदस्यों सहित अध्यक्ष ने भी भण्डारी जी से तमाम वैधानिक पेपर व डब्लू    जे   आई रजिस्टर्ड कार्यालय अजमेरी गेट में रखने हेतु दर्जनों बार गुहार लगाई गई परन्तु उनके अपराधिक कार्य अभी तक  बरकरार हैं। कृप्या 4 वर्ष में उनके विरूद्ध ए॰टी॰आर॰ जाँच रिपोर्ट सदस्यों को समर्पित की जाए। 
           {14}     सदस्यों ने आरोप लगाया है कि – डब्लू    जे   आई      के महासचिव एवं कोषाध्यक्ष द्वारा डब्लू    जे   आई   के सर्वानुमति एवं प्रोशिडिंग के बिना, डब्लू    जे   आई      के लैटर पैड पर बिना डाकबुक/मेलबुक दिनांक पत्रांक डायरी के बिना अब तक सैकड़ों अवैद्य पत्र सरकारी, गैर सरकारी, अपने निजी व्यवसाय/कार्यों हेतु विगत 4 वर्ष में से लगातार भेजा जा रहा है। इस अपराध के विरूद्ध सदस्यों ने आपके द्वारा की गई कार्य0वाई का एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगा गया है।   
           {15 }   सदस्यों ने आरोप लगाया है कि  भण्डारी जी के नेतृत्व में अपने प्रचार सचिव उदय मनान एवं उनके सहयोगी मि0 कोले के अवैद्य निजी संस्थाओं से कई बार एवार्ड वितरण रैकेट संचालित किया जा रहा है। सर्वविदित है कि प्रचार सचिव उदय मनान आकाशवाणी प्रशासन के बिना पूर्वानुमति (छव्ब्) के बिना ही कार्यकारिणी के सदस्य बन गए हैं। सदस्यों ने 4 वर्ष में उनके विरूद्ध की गई न्यायिक कार्यवाई का एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगा गया है।एवं जांच कर उनके विरूद्ध की गई न्यायिक कार्यवाइ समर्पित करें।

              {16}    डब्लू    जे   आई      वित्तीय रैकिट, प्रमाणित हुआ है - सदस्यों ने यह प्रमाणित किया है कि डब्लू    जे   आई के महासचिव और कोषाध्यक्ष ने बिना प्रोशिडिंग बिना सर्वानुमति संवैधानिक प्रक्रिया पूरा किए बिना पोर्टल संचालन स्मारिका प्रिटिंग एवं कैटरर संचालकों को अवैद्य भुगतान कर दिया गया है। उन्होंने बिना संवैधानिक प्रक्रिया पूरी किए बिना ही अवैद्य रूप से सरकारी प्रतिष्ठानों से अवैद्य रूप से विज्ञापन राशि वसूली की गई। सभी सदस्यों ने 4 वर्ष में उपरोक्त गंभीर अपराध के विरूद्ध की गई न्यायिक कार्यवाई का एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगा गया है।  

4 वर्ष में बीतने के बावजूद एजीएम, एजेण्डा घोषित नहीं करने के विरूद्ध, वर्तमान में तमाम सदस्यों का सम्पूर्ण ब्यौरा, सदस्यों द्वारा समर्पित तमाम ज्ञापन शिकायत पत्र के विरूद्ध लिए गए न्यायिक कार्यवाई का प्रमाण, तमात वित्तीय, कार्यकारिणी के गठन में व्याप्त अनियमितताएं एवं उनके प्रस्तुत बिल बाउचर की भौतिक जांच रिपोर्ट, रिटर्न फाइल कार्यवाई का एक्शन टेकन रिपोर्ट को 10 दिन के अन्दर सार्वजनिक करें|







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