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केरल

प्रवासी मजदूरों को सारी साहूलियतें उपलब्ध करा रही है देश की केरल सरकार!

आकाश श्रीवास्तव

1 मार्च २०१९

थर्ड आई वर्ल्ड न्यूज़, तिरुवअंतपुरम, केरल

केरल की वाम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) सरकार ने केरल में प्रवासी मजदूरों की कल्याण के लिए अनूठी पहल की है। जिसकी इन दिनों पूरे देश में चर्चा है। यदि यह कहा जाय कि केरल देश का एक ऐसा मात्र राज्य बन गया है जो अपने यहां प्रवासी मजदूरों की कल्याण के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ा है तो गलत नहीं होगा। देश में केरल एक ऐसा प्रदेश है जिसने प्रवासी मजदूरों के सर्वांगीण कल्याण जिसमें आर्थिक सुरक्षा, सामाजिक कल्याण शामिल है उसके लिए एक विशिष्ट पहचान पत्र बना रहा है। केरल सरकार का यह विशिष्ट पहचान पत्र देश के सामान्य नागरिकों के लिए बने विशिष्ट पहचान पत्र “आधार” की प्रतिलिपि की तरह है। इस पहचान पत्र बनने की प्रकिया भी बिल्कुल आधार कार्ड बनवाने जैसी प्रक्रिया की तरह ही है।


एक बार इस पहचान पत्र बन जाने के बाद केरल में प्रवासी मजदूरों को वो सारी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं जो देश में किसी भी राज्य में किसी भी मजदूर को नहीं मिलती है। केरल सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए बनाए जाने वाले पहचान पत्र के लिए सिर्फ एक छोटी और सामान्य शर्त रखी गयी। जिसमें केरल आए मजदूर के पास अपने राज्य का कोई भी पहचान पत्र होना जरूरी है। जैसे आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, इत्यादि। जिसके आधार पर केरल सरकार प्रवासी मजदूर का रजिस्ट्रेशन करेगी फिर उसका विशिष्ट पहचान पत्र तैयार करेगी। एक बात हम साफ कर दें कि केरल में आया हुआ कोई भी प्रवासी मजदूर केरल सरकार के किसी भी श्रम कार्यालय में जाकर अपना रजिस्ट्रेशन यानि नामांकन करवा सकता है। रजिस्ट्रेशन के लिए बकायदा केरल के हर जिले में कैंप लगाया जा रहा है। नामांकन के लिए मोबाइल वैन भी केरल सरकार द्वारा चलायी जा रही है। जिससे प्रवासी मजदूरों का विशिष्ट पहचान पत्र आसानी से बने। यही नहीं केरल सरकार ने यह सुविधा ऑनलाइन भी प्रदान कर रखी है। जिसमें देश में कोई भी व्यक्ति जिसकी उम्र 18-60 साल है वह नामांकन करवा सकता है।

एक बार केरल में प्रवासी मजदूरों का विशिष्ट पहचान बन जाने के बाद लाभ ही लाभ


केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन जिसने अपने राज्य में मजदूरों के सर्वागीण विकास के लिए अनेक योजनाएं शुरू की हैं।

प्रवासी मजदूरों के लिए चलाए जा रहे है विशेष अभियान के बारे में जानकारी देते हुए केरल सरकार के श्रम विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केरल में प्रवासी मजदूरों के सर्वांगीण विकास और कल्याण के लिए नवंबर 2017 से एक अभियान छेड़ा गया है। जिसके जरिए सबसे पहले प्रवासी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन यानि नामांकन करवाना है फिर उन्हें स्मार्ट पहचान पत्र यानि विशेष पहचान पत्र देना है। श्रीलाल के ने दावा किया कि यह पहचान पत्र प्रवासी मजदूरों को बिना किसी भेदभाव और पक्षपात के बिना तैयार किया जाता है। राज्य में लगभग 25 लाख प्रवासी मजदूर हैं। जिनमें ज्यादातर, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, पूर्वोत्तर हैं। नामांकन की प्रक्रिया नवंबर 2017 से प्रारम्भ होने के बाद से अब तक लगभग दो लाख मजदूरों का नामांकन किया जा चुका है। नामांकन करवाने के बाद प्रवासी मजदूरों को दो लाख का दुर्घटना बीमा, 15 हजार का स्वास्थ्य बीमा की सुविधा मिल जाती है।


केरल के अधिकारी समय समय पर मजदूरों के आवास पर तमाम जानकारियां लेते रहते हैं।

भारत में केरल एक ऐसा राज्य है जिसमें मजदूरों को सबसे ज्यादा न्यूनतम मजदूरी मिलती है। केरल में अधिकांश मजदूर न्यूनतम मजदूरी से अधिक कमाते हैं। केरल सरकार की श्रम नीति की घोषणा के अनुसार श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी प्रति दिन 600 रुपये निर्धारित की गयी है। 'उचित मजदूरी' उन क्षेत्रों में लागू की जाएगी जहां उच्च पारिश्रमिक सुनिश्चित करने की संभावनाएं हैं। नियोक्ता से वेतन बकाया, यदि कोई हो, ठीक करने के लिए एक राजस्व वसूली प्रणाली भी लागू की गयी है।

केरल में प्रवासी श्रमिक बीमा योजना
इस योजना के तहत सरकार बीमा के लिए सभी प्रवासी कामगारों को पंजीकृत करती है और उन्हें बीमा कार्ड प्रदान करती है। डेटा बेस में 25 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को उचित पंजीकरण का लाभ मिलेगा। जो 25 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को सुरक्षा प्रदान करता है। इसके तहत मजदूरों को रूपए 2 लाख का  बीमा और रूपए 15000 तक का स्वास्थ्य बीमा आदि शामिल है। यह योजना केरल में देश के सभी प्रवासी मजदूरों को उपलब्ध होगी। केरल पहुंचने वाले प्रवासी मजदूरों में सबसे ज्यादा संख्या पश्चिम बंगाल, बिहार और देश के पूर्वोत्तर राज्यों से है। केरल में इससे पहले सभी मजदूरों के उचित पंजीकरण की व्यवस्था कार्यक्रम नहीं था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य केरल में प्रवासी मजदूरों को शामिल करना है। इससे सरकार के कर्मचारियों को श्रमिकों के बारे में विस्तार से जानकारी होगी। प्रवासी मजदूरों के लिए बीमा योजना के लिए पात्रता है उसकी कुछ सामान्य शर्तें हैं। आवेदक केरल का प्रवासी मजदूर होना चाहिए। प्रवासी मजदूर बीमा योजना के लिए आवश्यक दस्तावेजों में जैसे आधार कार्ड, प्रवासी प्रमाण पत्र, विशेष पहचान पत्र शामिल है। जो प्रवासी मजदूरों के लिए केरल सरकार विशेष रूप से तैयार कर रही है।


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