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पंजाब

जालियांवाला बाग: भाजपा का कोई शीर्ष नेता नहीं पहुंचा!
जालियांवाला बाग नरसंहार के १०० साल पूरे, देश दे रहा है शहीदों को श्रद्धांजलि

आकाश श्रीवास्तव

थर्ड आई वर्ल्ड न्यूज़

नई दिल्ली

आज देश इतिहास की उस सबसे बड़ी बर्बर, कुरुर और भयावह घटना को याद कर रहा है जिसे अंग्रेजों ने अपनी निर्दयता की पराकाष्ठा को पार करके लिखी। जो इतिहास के पन्नों में जालियांवाला बाग के नाम से दर्ज है। उस घटना को बीते आज 100 साल हो रहे हैं। समूचा देश जलियांवाला बाग में मारे गए शहीदों और वीरांगनाओं को श्रद्धासुमन अर्पित कर रहा है। सुबह से ही देश के तमाम नेता अपनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं। लेकिन आज इस मामले में वह राजनीतिक दल और उसके शीर्ष नेता फिसड्डी साबित हुए जो अपने को स्वंयभू राष्ट्रवादी कहते हैं।


जी हां हम उस राजनीतिक दल की बात कर रहे हैं जिसे भारतीय जनता पार्टी कहते हैं। भारतीय जनता पार्टी का एक भी शीर्ष नेता जालियांवाल बाग नहीं गया। न तो देश के प्रधानमंत्री को जालियांवाला बाग जाने की फुर्सत मिली और न ही भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह को उन शहीदों और वीरांगनाओं की याद आई। जिन्होंने अंग्रेजों के सामने घुटने नहीं टेके और मौत को गले लगा लिया।

इससे पहले जलियांवाला नरसंहार के 100 साल होने पर शहर में सुबह से ही काफी संख्‍या में लोग पहुंचना शुरू हुए। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी तमाम व्यस्तम राजनीतिक कार्यक्रमों को छोड़कर जालियांवाला बाग पहुंचे। कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी के साथ पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह भी जलियांवाला बाग पहुंचे। उनके साथ कैबनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू सहित अन्‍य मंत्री भी थे। उन्‍होंने जलियांवाला बाग के शहीद स्‍मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।


जलियांवाला बाग नरसंहार की बरसी पर ब्रिटिश सरकार ने एक बार फिर माफी मांगी और इसे शर्मनाक घटना करार दिया। भारत में ब्रिटिश उच्‍चायुक्‍त डोमिनिक एक्‍यूथ ने कहा कि 100 साल पहले हुई यह घटना एक बड़ी त्रासदी थी। यहां जो भी हुआ उसका हमें हमेशा खेद रहा है। यह बेहद शर्मनाक था। ब्रिटिश उच्‍चायुक्‍त ने शहीद स्‍मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। बता दें कि तीन दिन पहले ब्रिटिश सरकार ने इस नससंहार के लिए माफी मांगी थी। ब्रिटिश संसद में प्रधानमंत्री ने दुखद कांड पर खेद व्यक्त कर चुके हैं। 2014 में जब डेविड कैमरून जलियांवाला बाग आए थे उन्होंने भी खूनी कांड को शर्मनाक बताया था।


देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी जालियांवाला बाग पहुंचे और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। कमी खली तो सिर्फ देश की सत्ता पर राज कर रही भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं की। भाजपा का एक भी शीर्ष नेता जालियांवाला बाग नहीं पहुंचा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्विटर के जरिए शहीदों को याद करके उनकी कुर्बानी को धन्य बना दिया। मोदी ने ट्वीट में लिखा, 'आज, जब हम भयावह जलियांवाला बाग नरसंहार के 100 वर्षों का निरीक्षण करते हैं, तो भारत उस घातक दिन पर शहीद हुए सभी लोगों को श्रद्धांजलि देता है। उनकी वीरता और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।

ट्विटर पर अपनी बात की इतिश्री करके प्रधानमंत्री अपने चुनावी अभियान में दक्षिण की तरफ प्रस्थान कर गए। सवाल उठता है जिस ब्रिटेन ने अब उस घटना को कलंकित घटना मानता है जिसे अपने पुरखों की करनी पर पछतावा है, खेद प्रगट करता है। उस घटना को मानवता के लिए सबसे बर्बर शर्मनीय घटना मानता है उस घटना पर और घटना स्थल पर भारत के सत्तारूढ़ दल के नेता और सरकार का कोई प्रतिनिधि को जाने की फुर्सत नहीं मिलती है। इससे बड़ी शर्मनाक बात और क्या हो सकती है। क्या भाजपा का राष्ट्रवाद का चेहरा सिर्फ वोट बटोरने के लिए एक छद्म रूप है और बाकी कुछ नहीं।


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