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अरुणांचल

चीन से युद्ध हुआ तो भारत फिर हार जाएगा - रिज्जू

तवांग

२१ अक्टूबर २०१२

अरुणाचल (पश्चिम) के पूर्व सांसद व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के युवा नेता किरेन रिजूजू का कहना है कि भारत-चीन सीमा के नजदीक चीन की गतिविधियां चिंतित करने वाली हैं। वह तेजी से अपने क्षेत्र में संसाधनों का विकास कर रहा है, जबकि इस पार सीमा से सटे इलाके विकास की बाट जोह रहे हैं। केंद्र सरकार ने यदि 1962 की गलतियों से सीख नहीं ली और ध्यान नहीं दिया तो युद्ध की स्थिति में हमें एक और हार का सामना करना पड़ सकता है। भाजपा की युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की शहीद श्रद्धांजलि यात्रा के दूसरे दिन रिजूजू ने आईएएनएस को दिए एक साक्षात्कार में ये बातें कहीं। रिजूजू ने 14वीं लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा छोड़ दी थी। कांग्रेस में शामिल होने के लिए उनकी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव राहुल गांधी तक से मुलाकातें हुई, लेकिन उनकी शर्तो को दरकिनार करते हुए उन्होंने गुरुवार को तीन सालों के बाद भाजपा में वापसी की।

रिजूजू ने कहा, "चीन हमारे लिए चिंता की सबसे बड़ी वजह है। सीमा पार हो रही उसकी गतिविधियां हमारे लिए चिंता की बात है। वे लगातार अपने संसाधनों का विकास कर रहे हैं, जबकि हम अपनी ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। हमारी सरकार सोई हुई है। चीन यदि कल हमला कर दे तो हम उसका मुकाबला नहीं कर सकते।" उन्होंने कहा, "चीन से यदि हमारा मुकाबला हुआ तो हमें एक और हार के लिए तैयार रहना चाहिए। यहां की सड़कें देखिए। परिवहन की स्थिति इतनी खराब है कि बोफोर्स और अन्य युद्धक सामग्रियों के यहां तक पहुंचने में कई दिन लग जाएंगे और तब तक चीन हम पर हावी हो चुका होगा।"

रिजूजू ने कहा, "अरुणाचल के सौ फीसदी लोगों का मन भारत में रमा हुआ है। उनका दिल भारत के लिए धड़कता है और चीन उन्हें लालच देने के लिए न सिर्फ अपने संसाधनों का विकास कर रहा है, बल्कि हरसम्भव प्रयास कर रहा है। इसके बावजूद अरुणाचल की जनता भारत के साथ है। यहां के लोग चीन को अपना सबसे बड़ा दुश्मन समझते हैं। लेकिन भारत सरकार को उनकी भावनाओं का तनिक भी खयाल नहीं है।" राहुल गांधी को 'चिट्ठों का युवराज' करार देते हुए रिजूजू ने कहा, "कांग्रेस से जुड़ने को लेकर राहुल से मेरी कई मुलाकातें हुईं, लेकिन उनका अपना कोई विचार नहीं है। उन्हें बोलने के लिए जो चिट्ठा थमा दिया जाता है, वही कांग्रेस का विचार बन जाता है। बगैर चिट्ठे के वह 10 मिनट भाषण नहीं दे सकते, ऐसे में उस व्यक्ति को देश का भावी प्रधानमंत्री कैसे कहा जा सकता है। वह देश क्या चलाएंगे?"

रिजूजू ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह देश का विकास इसलिए नहीं चाहती, ताकि गरीबों की गरीबी बनी रहे और उन्हें वह बेवकूफ बनाती रहे तथा वोट बैंक के रूप में उनका इस्तेमाल करती रहे। उन्होंने कहा, "चीन जिस तरीके से अपनी सामरिक शक्ति बढ़ा रहा है, उसका लक्ष्य आने वाले दिनों में अमेरिका को पीछे छोड़ना है। लेकिन हम इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। हमारी कांग्रेस की सरकार ने दरअसल चूड़ियां पहन रखी हैं। अरुणाचल इसलिए बचा हुआ है, क्योंकि यहां के लोगों ने चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं। यहां के लोग 62 के बाद भी चीन का मुकाबला करने को तैयार हैं, लेकिन केंद्र सरकार की मदद उन्हें नहीं मिल पा रही है।"

रिजूजू ने कहा कि चीन जिस प्रकार से अपने यहां संसाधनों का विकास कर रहा है, उसका लक्ष्य अरुणाचल के लोगों को आकर्षित करना है और व्यापार के बहाने वह ऐसा कर भी रहा है, लेकिन केंद्र सरकार उसकी इस नीति को समझ नहीं पा रही है। यह बहुत खतरनाक स्थिति है। अपने कार्यकाल के दौरान कई संस्थानों की ओर से सर्वश्रेष्ठ युवा सांसद का पुरस्कार जीत चुके रिजूजू के मुताबिक, संसद में न होने की वजह से वह अरुणाचल की आवाज नहीं उठा पा रहे हैं, लेकिन वह जल्द ही संसद पहुंचेंगे और फिर से अरुणाचल के लोगों की आवाज उठाएंगे। हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हम अरुणाचल के लोगों के मन में भारत के प्रति विश्वास बनाए रखें। उनकी राष्ट्रीयता के प्रति भाव को बनाए रखना होगा।



तवांग।




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