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देश-राजनीति

वॉपकॉस ने 1110 करोड़ रुपये की अब तक सर्वाधिक आय अर्जित की!
अपनी ५०वीं स्थापना दिवस को धूम धाम से मनाया, कई कार्यक्रम आयोजित किए गए

आकाश श्रीवास्तव

नई दिल्ली, ३ जुलाई २०१८

जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय के तहत आने वाली सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम वैपकॉस लिमिटेड ने मंगलवार को नई दिल्‍ली में अपनी स्थापना का 50 वीं वर्षगांठ धूम धाम से मनाया। इस अवसर पर केन्‍द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भारत के साथ-साथ अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के 46 अन्‍य विकास‍शील देशों में जल संसाधन, विद्युत एवं सिंचाई के क्षेत्र में उल्‍लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने के लिए इस कंपनी की सराहना की।


वैपकॉस ने वर्ष 2017-18 के दौरान 1110 करोड़ रुपये की अब तक की सर्वाधिक सकल आय अर्जित की है। इस मौके पर गडकरी को वैपकॉस के सीएमडी आर. के. गुप्‍ता ने 50 करोड़ रुपये का अंतरिम लाभांश चेक (लाभांश कर सहित) सौंपा गया, जो वैपकॉस के गठन के बाद से लेकर अब तक का सर्वाधिक लाभांश है। 35 करोड़ रुपये के बोनस शेयर जारी करने के साथ ही पिछले आठ वर्षों के दौरान इस कंपनी की चुकता पूंजी 50 गुना बढ़ गई है (2 करोड़ रुपये से बढ़कर 100 करोड़ रुपये)।

कंपनी की लाभप्रदता या मुनाफा वर्ष 2013-14 के 102.52 करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2017-18 में 180 करोड़ रुपये के स्‍तर पर पहुंच गया है, जो 75 प्रतिशत से भी अधिक की वृद्धि को दर्शाता है। इस मौके पर कई देशों जैसे कि अफगानिस्‍तान, रवांडा, तंजानिया, सेनेगल, अंगोला, नेपाल, भूटान, कम्‍बोडिया, मोजाम्‍बिक, कांगो, बुरुंडी, लाइबेरिया, जिम्‍बाम्‍वे, लाओस, मलावी और मंगोलिया के राजदूत, उच्‍चायुक्‍त, मंत्रीगण और अन्‍य गणमान्‍य व्‍यक्ति भी इस अवसर पर मौजूद थे।


गड़करी ने कहा कि वैपकॉस ने यह भलीभांति दर्शाया है कि किस तरह से अच्‍छी प्रौद्योगिकी और उचित/कम लागत के संयोजन से अच्‍छे नतीजे सामने आ सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि आज विकासशील विश्‍व को अभी कई और ऐसी प्रौद्योगिकियों की जरूरत है जो प्रभावशाली, लेकिन किफायती हों। इस तरह की आर्थिक दृष्टि से किफायती प्रौद्योगिकी का उदाहरण देते हुए उन्‍होंने कहा कि हम अब समुद्री जल का खारापन दूर करने के लिए सौर प्रौद्योगिकी का उपयोग करने पर विचार कर रहे हैं।


इस अवसर पर उपस्थित अनेक विदेशी गणमान्‍य व्‍यक्तियों ने गडकरी को प्रशस्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए और वैपकॉस के जरिए अपने-अपने देशों के विकास में साझेदार बनने के लिए भारत सरकार का धन्‍यवाद किया। अफगानिस्‍तान के प्रतिनिधियों ने सभी मंत्रियों को अपने देश की पारंपरिक पोशाक भेंट की। पिछले 50 वर्षों में इस कंपनी की लंबी यात्रा का उल्‍लेख करते हुए वैपकॉस के सीएमडी  आर. के. गुप्‍ता ने कहा कि वैपकॉस का गठन भारत सरकार द्वारा वर्ष 1969 में एक सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम के रूप में किया गया था।

यह जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय के अधीनस्‍थ एक प्रौद्योगिकी-वाणिज्यिक संगठन है। वैपकॉस ने सिंचाई, जल संसाधन और कृषि क्षेत्रों में 550 से भी अधिक परियोजनाओं के लिए सर्वेक्षण किया है और परीक्षण/संभाव्‍यता-पूर्व/विस्‍तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की हैं। कंपनी ने 15 मिलियन हेक्‍टेयर से भी अधिक सिंचाई क्षमता के विकास, बंदरगाहों एवं अंतर्देशीय नौवाहन में 200 से भी अधिक परियोजनाओं, जलापूर्ति एवं स्‍वच्‍छता, ग्रामीण एवं शहरी विकास, सड़कों एवं राजमार्गों की इंजीनियरिंग के क्षेत्र में 500 से भी अधिक परियोजनाओं के साथ-साथ भारत और कई देशों में सिंचाई, पनबिजली/ताप विद्युत, बंदरगाहों हार्बर में 250 से भी अधिक परियोजनाओं के लिए ईआईए (पर्यावरणीय प्रभाव आकलन) रिपोर्ट तैयार करने में उल्‍लेखनीय योगदान दिया है।



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