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प्रधानमंत्री का सपना चकनाचूर? अधर में उत्तराखंड की चार धाम रेल परियोजना!
कब तक पूरा होगा उत्तर रेलवे के पास फिलहाल कोई जवाब नहीं!

आकाश श्रीवास्तव

थर्ड आई वर्ल्ड न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली, 22 अगस्त 2023

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तमाम महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक उत्तराखंड की चारधाम रेल परियोजाना भी है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को आपस में रेललाइन से जोड़ा जाना था। उल्लेखनीय है कि केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को वापस में जोड़कर तीर्थयात्रियों की यात्रा सुलभ और आसान करना था। लेकिन जिस तरह से उत्तराखंड़ की भौगोलिक संरचना है और रेलवे जिस तरह से उत्तराखंड चारधाम परियोजना पर काम कर रहा है उससे लगता नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह स्वर्णिम और महत्वकांक्षी परियोजना पूरा हो पाएगी।

रेलवे के विश्वसस्त सूत्रों ने कहा कि ऋषिकेश से रूद्रप्रयाग तक लगभग 125 किमी तक रेलवे का काम जारी है। लेकिन गंगोत्री, यमुनोत्री केदारनाथ और बद्रीनाथ तक रेललाइन बिछाने का काम बहुत मुश्किल है। कागजों पर तो कहने को है कि केंद्र और राज्ये सरकार इस पूरी परियोजना पर करीब से नजर रख रही हैं लेकिन यह परियोजना पूरी कब होगी इस पर बात करने वाला कोई नहीं है। माना जा रहा था कि परियोजना का पहला चरण साल 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा लेकिन जिस गति से काम किया जा रहा है उससे लगता नही कि यह निर्माण कार्य पूरा हो पाएगा रेल मंत्रालय के अधिकारियों की मानें तो ऋषिकेष से कर्णप्रयाग तक 125 किलोमीटर की रेलवे लाइन बिछाने की समय सीमा साल 2024 तक तय की गई है।
चार धाम रेल परियोजना से जुड़ी अधिकृत जानकारी रेलवे द्वारा Third Eye World News को दी गयी है।

प्रधानमंत्री का सपना था कि उत्तराखंड चारधाम परियोजना के जरिए श्रद्धालुओं को इन चारों धामों तक सुरक्षित, आरामदायक तरीके से और समय पर पहुंचाया जा सके। फिलहाल Third Eye World News  को जो आधिकारिक जानकारी रेलवे द्वारा दी गयी है उसके अनुसार रेल विकास लिमिटेड द्वारा चारधाम रेल परियोजना में फाइल लोकेशन सर्वे (FLS) का कार्य ही अभी तक पूरा किया गया है। इस पूरी परियोजना पर कितना खर्च आएगा इसका जवाब रेलवे के पास फिलहाल नहीं है। इस बारे में रेल मंत्रालय का कहना है कि निर्माण कार्य भारत सरकार द्वारा स्वीकृत होने पर कार्यदायी संस्था द्वारा परियोजना की लागत का आंकलन किया जाएगा।

जब रेल मंत्रालय से पूछा गया कि उत्तराखंड चारधाम रेल परियोजना कब तक पूरी होगी इस बारे में रेल मंत्रालय ने चौंकाने वाला जवाब देते हुए कहा है कि चारधाम रेल परियोजना का निर्माण कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं हुआ है। अभी तक रेलवे द्वारा सिर्फ सर्वेक्षण पर 46.22 करोड़ रूपए खर्च किए जा चुके हैं। इस प्रश्न पर कि चारधाम रेल परियोजना के तहत कब तक केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को जोड़ दिया जाएगा इस प्रश्न के जवाब में रेलवे ने कहा है कि इसकी जानकारी परियोजना की स्वीकृति के बाद ही दी जा सकती है।
हमारे जिन सवालों का रेल मंत्रालय द्वारा जवाब दिया गया है उससे पूरी तरह से साफ हो गया है कि चारधाम रेल परियोजना अभी तक शुरू नहीं हुई है। और सिर्फ सर्वेक्षण का कार्य पूरा किया गया है जिस पर 42 करोड़ से अधिक रूपए खर्च किए जा चुके है। यानि सर्वेक्षण के जरिए 42 करोड़ रूपए की मौजमस्ती की गयी है। 

चुनौतीपूर्ण इस परियोजना के बारे में बता दें कि चार धाम रेल परियोजना लंबाई 327 किमी बतायी जाती है जिस पर 43 हजार करोड़ रूपए खर्च आने की बात कही जा रही थी। इसमें 21 नए स्टेशन, 61 सुरंगों और 59 पुलों का निर्माण होना शामिल था। रेल परियोजना का कुल 279 किमी हिस्सा सुरंग से होकर गुजरेगा। इसे ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन का विस्तार भी कह सकते हैं। हम बता दें कि यमुना नदी का उदगम स्थान यमुनोत्री समुद्र की सतह से 3293 मीटर की ऊंचाई पर है। वहीं गंगा नदी का उदगम स्थल गंगोत्री धाम की समुद्र की सतह सेऊंचाई 3408 मीटर है। इसी तरह प्रसिद्ध धार्मिक स्थल और भीषण आपदा झेल चुका केदारनाथ धाम समुद्र की सतह से 3583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। जबकि बदरीनाथ धाम की ऊंचाई समुद्र की सतह से 3133 मीटर है। उत्तराखंड़ की जटिल भौगोलिक संरचना को देखते हुए फिलहाल नहीं लगता कि चारधाम रेल परियोजना पूरी हो पाएगी।

इसको इसी से समझा जा सकता है कि 2017 में चारधाम रेल परियोजना का सर्वे का काम शुरू किया गया था। उसके आगे का काम फिलहाल शुरू नहीं हआ है। सिर्फ ऋषिकेश से रूद्रप्रयाग तक रेलविस्तार का काम ही चल रहा है। बाकी कि परियोजना ठंड़े बस्ते में ही पड़ी पड़ी ठंडी हो रही हैं।



सांकेतिक तस्वीर।




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